नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आपको लेकर चल रहा हूं । मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के बिलपांक गांव की जहां मौजूद हैं एक प्राचीन शिव मंदिर जो अद्भुत वास्तु शिल्प के कारण विश्व प्रसिद्ध हैं। दोस्तों यह मंदिर भूल भुलैया वाले शिव मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध हैं।
विरुपाक्ष महादेव मंदिर
रतलाम मध्यप्रदेश
भारतवर्ष
दोस्तों यह प्राचीन मंदिर विरुपाक्ष महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। दोस्तों कई प्राचीन दस्तावेजों के से पता चलता है कि इस प्राचीन मंदिर की स्थापना मध्य युग से पूर्व परमार वंश के राजाओं ने की थी। दोस्तों भगवान शिव भोले नाथ के ग्यारहवें रूद्र अवतारों में से पांचवें रूद्रा अवतार के नाम पर इस मंदिर का नाम विरुपाक्ष महादेव मंदिर रखा गया था।
दोस्तों इस प्राचीन मंदिर के प्रांगण के चारों कोनों में चार मंडप भी बनाएं गये है । दोस्तों इन मंडपों में भगवान गणेश , मां पार्वती , और भगवान सुर्य की अद्भुत प्रतिमाओं को स्थापित किया गया है।
⭐ मंदिर के 64 खंभों पर की गई है अद्भुत नक्काशी ⭐
दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस प्राचीन मंदिर को भूल भुलैया वाला शिव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि दोस्तों इस प्राचीन मंदिर में स्थापित अद्भुत नक्काशीदार खंभों की एक बार में सही गिनती करना किसी भी मनुष्य की बस की बात नहीं है।
दोस्तों इस अद्भुत और प्राचीन मंदिर के सभी 64 खंभों पर अद्भुत नक्काशी की गई है जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।
दोस्तों इस प्राचीन विरुपाक्ष महादेव मंदिर के अंदर 34 खंभों का एक मंडप है और इस मंडप के सभी चारों कोनों पर अद्भुत रूप से खंभों की गिनती 14-14 होती है जबकि 8 खंभे अंदर गर्भ गृह में मौजूद हैं। अतः ऐसे में एक बार में इन खंभों की सही गिनती करना मुश्किल है। जिस कारण से यहां के लोग इस मंदिर को भूल भुलैया वाला शिव मंदिर भी कहते हैं।
⭐ शिवरात्रि की अनोखी परंपरा ⭐
दोस्तों अन्य प्राचीन शिव मंदिरों की तरह ही महा शिवरात्रि के शुभ अवसर पर प्रत्येक वर्ष यहां एक विशाल मेले का आयोजन होता है। और दोस्तों भगवान् विरुपाक्ष के दर्शन के लिए श्रद्धालुगण दूर दूर से यहां आते हैं दोस्तों मान्यता है कि यहां बाबा भोलेनाथ के दरवाजे से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता है ।
दोस्तों पिछले 64 वर्षों से हर साल यहां इस मंदिर प्रांगण में महा यज्ञ का आयोजन होता रहा है दोस्तों यहां इस दौरान महाप्रसाद खीर के लिए पुरे प्रदेश के साथ साथ पुरे भारत वर्ष से भक्तगण आंतें है।
दोस्तों परंपराओं के अनुसार माताओं गोद भरने पर बच्चों के उनके माता-पिता द्वारा मिठाई से तौला जाता है । दोस्तों यह परंपरा सदियों से चली आ रही है।
दोस्तों मंदिर में 64 अद्भुत नक्काशीदार खंभे , गर्भ गृह , सभा मंडप वह चारों ओर चार सहायक मंदिर स्थापित है । दोस्तों अद्भुत रूप से सभा मंडप में नृत्य करती हुई अप्सराएं वाद्य यंत्रों के साथ मौजूद हैं । दोस्तों आप देखोगे कि मुख्य मंदिर के आसपास सहायक मंदिर भी मौजूद हैं । दोस्तों पूर्व दिशा की ओर सहायक मंदिर के उत्तर में हनुमान जी की ध्यानस्थ मौजूद हैं जो अद्भुत है। दोस्तों पूर्व दक्षिण दिशा में जलाधारी अद्भुत शिवलिंग मौजूद हैं वे पश्चिम दिशा के उत्तर में भगवान विष्णु अपने वाहन गरुड़ राज़ पर विराजमान हैं और दोस्तों पश्चिम दिशा में दांयी ओर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित है।
दोस्तों इस अलौकिक प्राचीन मंदिर में प्रतेयक वर्ष महाशिवरात्रि पर्व पर लाखों श्रद्धालु गण भोले नाथ के दर्शन के लिए आते हैं।
धन्यवाद दोस्तों
माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗🧗🧗
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English translat
Ek yatra khajane ki khoje
Hello friends, I am Mountain Leopard Mahendra, I warmly greet all of you, friends, I am taking you on today's journey. There is an ancient Shiva temple of Bilpank village in Ratlam district of Madhya Pradesh, which is world famous due to amazing architectural crafts. Friends, this temple is also famous by the name of Bhool Bhulaiyaa Shiva Temple.
Virupaksha Mahadev Temple
Ratlam Madhya Pradesh
Bharatvarsh
Friends, this ancient temple is also known as Virupaksha Mahadev Temple. Friends, from many ancient documents, it is known that this ancient temple was established by the kings of the Parmar dynasty before the Middle Ages. Friends, this temple was named Virupaksha Mahadev Temple after the fifth Rudra incarnation out of the eleventh Rudra incarnation of Lord Shiva Bhole Nath.
Friends, four pavilions have also been built in the four corners of the courtyard of this ancient temple. Friends, wonderful idols of Lord Ganesha, Maa Parvati, and Lord Surya have been installed in these pavilions.
Amazing carvings have been done on 64 pillars of the temple.
Friends, you will be surprised to know that this ancient temple is also known as Bhool Bhulaiya Wala Shiva Temple. Because friends, it is not a matter of any human being to count the wonderfully carved pillars installed in this ancient temple at once.
Friends, all the 64 pillars of this wonderful and ancient temple have amazing carvings which attract people towards them.
Friends, there is a mandapa of 34 pillars inside this ancient Virupaksha Mahadev temple and amazingly the number of pillars on all the four corners of this mandap is 14-14 while 8 pillars are present in the sanctum sanctorum inside. Therefore, it is difficult to count these pillars accurately at one go. Due to which the people here also call this temple as a maze of maze.
Unique tradition of Shivratri
Friends, like other ancient Shiva temples, a huge fair is organized here every year on the auspicious occasion of Maha Shivratri. And friends, devotees come here from far and wide to see Lord Virupaksha, friends, it is believed that no devotee returns empty handed from the door of Baba Bholenath here.
Friends, for the last 64 years, every year in this temple courtyard, a great yagya has been organized, friends, during this time, devotees from all over the state as well as the whole of India are coming here for Mahaprasad Kheer.
Friends, according to traditions, when mothers are adopted, children are weighed with sweets by their parents. Friends, this tradition is going on for centuries.
Friends, there are 64 wonderful 'carved pillars', sanctum sanctorum, assembly mandap in the temple, around which four subsidiary temples are established. Friends, wonderfully, dancing Apsaras with musical instruments are present in the Sabha Mandap. Friends, you will see that there are also subsidiary temples around the main temple. Friends, in the north of the subsidiary temple towards the east, there is a meditation place of Hanuman ji, which is wonderful. Friends, in the east-south direction, there are wonderful Shivlings, Lord Vishnu is sitting on his vehicle, Garuda Raj, in the north of the west direction and friends, the idol of Lord Ganesha is installed on the right side in the west direction.
Friends, in this supernatural ancient temple, every year on the festival of Mahashivaratri, lakhs of devotees come to see Bhole Nath.
thanks guys
Mountain Leopard Mahendra🧗🧗🧗🧗
Mountain leppard Mahendra 🧗🧗🧗🧗🧗