नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आपको लेकर चल रहा हूं एक ऐसे अद्भुत महादेव मंदिर की जहां स्थापित है भगवान शिव की अलौकिक शिवलिंग और उस शिवलिंग के नीचे स्थापित है एक चमत्कारी मणि जिसे स्वयं भगवान शिव ने पांडव पुत्र युधिष्ठिर को दिया था।
मतंगेश्वर महादेव मंदिर
ग्राम -खजुराहो -मध्य प्रदेश
भारतवर्ष
दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि भारतीय संस्कृति की सबसे रहस्यमई और अलौकिक वस्तुओं में से एक वस्तु है मणि जिसके बारे में असंख्य रहस्यमई कहानियां , दंतकथाएं और ना जाने कितने लोक कथाएं प्रचलित है।आइए दोस्तों आपको लेकर चलते हैं एक ऐसे ही मंदिर की यात्रा पर जहां मौजूद है असली अलौकिक , चमत्कारी मणि।
दोस्तों भारत वर्ष के मध्य प्रदेश राज्य के खजुराहो ग्राम में मौजूद है अति प्राचीन मतंगेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण जो अपने अद्भुत वास्तुकला और कामसूत्र पर आधारित मंदिर की दीवारों पर बनाई गई मूर्तियों के लिए विश्व प्रसिद्ध है।
दोस्तों मान्यता है कि खजुराहो गांव में मंदिरों का निर्माण केवल पूजा पाठ के उद्देश्य ही नहीं करवाया गया था बल्कि माना जाता है कि इनका उद्देश्य आम लोगों को यौन शिक्षा देने के साथ-साथ तांत्रिक पूजा भी संपन्न करवाने के लिए किया गया था।
( भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह स्थल। )
दोस्तों यहां के लोगों के बीच एक मान्यता है कि ग्राम खजुराहो स्थित मतंगेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण ही वह स्थान है जहां भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था।
दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि भगवान शिव को समर्पित अति प्राचीन मतंगेश्वर महादेव मंदिर में हजारों - हजार वर्षों यनी युगो युगो से शिव शंभू भोलेनाथ की पूजा आराधना होते आ रही है।
दोस्तों मान्यता है कि इस अति प्राचीन महादेव मंदिर में कई चमत्कारी घटनएं घट चुकी है ।दोस्तों जिसकी वजह से हजारों की संख्या में श्रद्धालु गण प्रत्येक वर्ष भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने संपूर्ण भारत से यहां आते हैं।
( चमत्कारी "मरकत" "मणि" "शिवलिंग" के नीचे स्थापित है ऐसी मान्यता है। )
दोस्तों एक प्रचलित दंतकथा के अनुसार माना जाता है कि मंदिर में स्थापित पवित्र शिवलिंग के नीचे एक चमत्कारी मणि मौजूद है जो शिव भक्तों की हर मनोकामना को पूर्ण करती है।
दोस्तों पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान भोलेनाथ शिव के पास "मरकत" "मणि" मौजूद थी। दोस्तों जिसे उन्होंने "पांडव" भाइयों में सबसे बड़े "युधिष्ठिर" को दे दिया था , उनसे प्रसन्न होकर।दोस्तों कहां जाता है कि आगे चलकर महाराज युधिष्ठिर ने चमत्कारी मणि को "मतंग" ऋषि को सौंप दिया था। जिसके बाद यह चमत्कारी मणि "मतंग" ऋषि ने राजा हर्षवर्मन को दे दिया था।
दोस्तों माना जाता है कि "मतंग" ऋषि के पास यह चमत्कारी मणि होने के कारण ही इस मंदिर का नाम मतंगेश्वर महादेव मंदिर पड़ा था।
दोस्तों ऐसी मान्यता है या कहा जाता है कि "मतंग" ऋषि ने ही महादेव के 18 फीट के शिवलिंग के नीचे सुरक्षा के दृष्टिकोण से चमत्कारी मणि गाड़ दिया था।अतः दोस्तों कहां जा सकता है कि यहां इस मंदिर में अलौकिक मणि और भगवान भोलेनाथ का ही प्रताप है कि यहां भक्तों द्वारा मांगी गई हर मनोकामना पूर्ण होती है।
(अद्भुत रूप से हर वर्ष बढ़ जाती है शिव लिंग की आकार )
दोस्तों इस अति प्राचीन मंदिर का सबसे बड़ा आकर्षण है मंदिर में मौजूद ढाई मीटर ऊंचा शिवलिंग।दोस्तों अति प्राचीन मतंगेश्वर शिव मंदिर में मौजूद शिवलिंग के बारे में माना जाता है कि प्रत्येक वर्ष "तिल" के बराबर इसकी ऊंचाई बढ़ जाती है।दोस्तों खास बात यह भी है कि मतंगेश्वर महादेव मंदिर खजुराहो के सभी मंदिरों में सबसे पवित्र माना जाता है।
दोस्तों गौर करने वाली एक और बात है कि खजुराहो में स्थित अन्य मंदिरों की तरह इस मंदिर के स्तंभों और दीवारों पर कामुक मूर्तियां आदि नहीं उकेरी गई है ।
दोस्तों आज भी मतंगेश्वर महादेव मंदिर खजुराहो के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है जहां प्रतिदिन भक्त गणों का बड़ी संख्या में आना जाना लगा रहता है।
( दोस्तों इस प्राचीन मंदिर का निर्माण चंदेल राजाओं द्वारा 9 वीं सदी में करवाया गया था। )
दोस्तों दोस्तों ऐतिहासिक स्रोतों से पता चलता है कि खजुराहो का इतिहास लगभग 1000 वर्ष पुराना है ।दोस्तों खजुराहो शहर चंदेल वंश के शासकों की प्रथम राजधानी हुआ करती थी। दोस्तों चंदेल वंश और खजुराहो के संस्थापक चंद्र बर्मन थे। दोस्तों महाराज चंद्र बर्मन मध्यकाल में बुंदेलखंड में शासन करने वाले राजपूत राजा थे । वह अपने आप को चंद्रवंशी मानते थे।
दोस्तों इस पवित्र शिवलिंग को मृत्युंजय महादेव के नाम से भी जाना जाता है।
दोस्तों आज के लिए बस इतना ही।
धन्यवाद दोस्तों
माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗
_________________________ English translate
Hello friends, I am Mountain Leopard Mahendra, warm greetings to all of you, friends, on today's journey, I am taking you with such a wonderful Mahadev temple where the supernatural Shivling of Lord Shiva is established and a miraculous gem is established under that Shivling. Lord Shiva himself gave it to Pandava son Yudhishthira.
Matangeshwar Mahadev Temple
Village-Khajuraho-Madhya Pradesh
Bharatvarsh
Friends, you will be surprised to know that one of the most mysterious and supernatural objects of Indian culture is a gem, about which innumerable mystical stories, fables and not many folk tales are prevalent. Where exists the real supernatural, miraculous gem.
Friends, present in Khajuraho village of Madhya Pradesh state of India, the very ancient Matangeshwar Mahadev temple courtyard which is world famous for its amazing architecture and sculptures made on the walls of the temple based on Kamasutra.
Friends, it is believed that temples were built in Khajuraho village not only for the purpose of worship, but it is believed that their purpose was to give sex education to the common people as well as to conduct tantric worship.
( The wedding venue of Lord Shiva and Mother Parvati. )
Friends, there is a belief among the people here that the Matangeshwar Mahadev temple premises located in village Khajuraho is the place where the marriage of Lord Shiva and Mother Parvati took place.
Friends, you will be surprised to know that in the very ancient Matangeshwar Mahadev temple dedicated to Lord Shiva, the worship of Shiva Shambhu Bholenath has been worshiping since thousands of years.
Friends, it is believed that many miraculous events have happened in this very ancient Mahadev temple. Friends, due to which thousands of devotees come here every year from all over India to get the blessings of Lord Shiva.
( It is believed that the miraculous "turquoise" "mani" is installed under the "shivalinga". )
Friends, according to a popular legend, it is believed that a miraculous gem is present under the holy Shivling installed in the temple, which fulfills every wish of Shiva devotees.
Friends, according to mythology, Lord Bholenath Shiva had "Turkaat" "Mani". Pleased with the friends whom he gave to "Yudhishthira", the eldest of the "Pandava" brothers. After which this miraculous gem was given by the sage "Matang" to King Harshvarman.
Friends, it is believed that the name of this temple was named Matangeshwar Mahadev Temple due to the "Matang" sage having this miraculous gem.
Friends, there is such a belief or it is said that the "Matang" sage had buried the miraculous gem under the 18 feet Shivling of Mahadev from the point of view of safety. It is great that every wish sought by the devotees here is fulfilled.
( Amazingly the size of Shiva Linga increases every year. )
Friends, the biggest attraction of this very ancient temple is the two and a half meter high Shivling present in the temple. Friends, the Shivling present in the very ancient Matangeshwar Shiva temple is believed to increase its height every year equal to "sesame". It is also that Matangeshwar Mahadev Temple is considered to be the holiest of all the temples in Khajuraho.
Friends, another thing to note is that unlike other temples located in Khajuraho, erotic sculptures etc. have not been carved on the pillars and walls of this temple.
Friends, even today Matangeshwar Mahadev Temple is one of the most sacred temples of Khajuraho, where a large number of devotees keep visiting every day.
( Friends, this ancient temple was built by the Chandela kings in the 9th century. )
Friends, historical sources show that the history of Khajuraho is about 1000 years old. Friends, the city of Khajuraho used to be the first capital of the rulers of Chandel dynasty. The founders of the Chandela dynasty and Khajuraho were Chandra Burman. Friends Maharaj Chandra Burman was a Rajput king who ruled in Bundelkhand in the medieval period. He considered himself a Chandravanshi.
Friends, this holy Shivling is also known as Mrityunjay Mahadev.
Friends, that's all for today.
thanks guys
Mountain Leopard Mahendra 🧗🧗