नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं दोस्तोंआज की यात्रा पर दोस्त मैं आपको लेकर चल रहा हूं महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित त्र्यंबक गांव की जहां हम दर्शन करेंगे त्रिदेवों की अद्भुत छोटे-छोटे शिवलिंगों की ।
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग
ग्राम- त्र्यंबक , जिला-नासिक
महाराष्ट्र - भारतवर्ष
नमस्कार दोस्तों आज की यात्रा महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित त्र्यंबक गांव की जहां मौजूद है अलौकिक त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग।दोस्तों आज हमें भगवान के उस अद्भुत और अलौकिक रूप का दर्शन हुआ है दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस अति प्राचीन मंदिर में भगवान ब्रह्मा , भगवान विष्णु और भगवान शिव यानी त्रिदेव पवित्र लिंग के रूप में विराजमान हैं।
( पुराणों में वर्णन है इस क्षेत्र की महत्ता )
दोस्तों पुराणों के अनुसार माना जाता है कि पूजनीय गौतम ऋषि और गोदावरी नदी के विनम्र निवेदन करने पर ही भगवान शिव इस स्थान पर विराजमान हुए थे और त्र्यंबकेश्वर के नाम से प्रसिद्ध हुए हैं।दोस्तों मंदिर के गर्भ गृह के अंदर अद्भुत रूप से एक छोटे से गड्ढे में तीन छोटे छोटे लिंग मौजूद हैं जो भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान भोलेनाथ यानी इन तीनों त्रिदेवों के प्रतीक माने जाते हैं।
( पौराणिक कथा )
दोस्तों पौराणिक कथाओं के अनुसार माना जाता है कि प्राचीन काल में त्र्यंबक क्षेत्र गौतम ऋषि की तपोभूमि हुआ करती थी।दोस्तों माना जाता है कि गौतम ऋषि अपने ऊपर लगे गौ हत्या के पाप से मुक्ति पाने के लिए कई युगों तक कठोर तप कर भगवान शिव से माता गंगा को इस क्षेत्र में अवतरित करने का वरदान मांगा था। दोस्तों जिसके फलस्वरूप दक्षिण भारत की गंगा अर्थात पवित्र गोदावरी नदी का उद्गम हुआ था।
( प्राचीन स्थापत्य कला )
दोस्तों ऐतिहासिक दस्तावेजों से पता चलता है कि इस प्राचीन मंदिर का पुनर्निर्माण तीसरे पेशवा बाला जी अर्थात नाना साहब पेशवा ने करवाया था। दोस्तों इस प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार सन 1755 में शुरू हुआ था और 31 साल के लंबे पुनः निर्माण कार्य के बाद 1786 में जाकर संपन्न हुआ था। दोस्तों उस समय के निर्माण कार्य के ऐतिहासिक दस्तावेजों से पता चलता है कि इस भव्य प्राचीन मंदिर के पुनर्निर्माण में लगभग 1600000 रुपए खर्च किए गए थे। जो उस समय के लिए बहुत ही बड़ी रकम हुआ करती थी।
दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि त्र्यंबकेश्वर मंदिर की भव्य भवन सिंधु - आर्य वास्तुशिल्प का उत्कृष्ट नमूना है।दोस्तों इस प्राचीन मंदिर के अंदर गर्भ गृह में प्रवेश करने के बाद आपको सिर्फ शिवलिंग की केवल आर्घा ही दिखाई देगी शिवलिंग नहीं , क्योंकि दोस्तों काफी गौर से देखने पर आर्घा के अंदर अलौकिक रूप से एक - एक इंच के तीन लिंग दिखाई देते हैं।दोस्तों इन्ही तीनो लिंगो को त्रिदेव यानी भगवान ब्रह्मा भगवान विष्णु और भगवान महेश यानी शिव शंभू का अवतार माना जाता है।दोस्तों सुबह के समय होने वाली विशेष पूजा पद्धति के बाद इस आर्घा पर चांदी का पंचमुखी मुकुट चढ़ा दिया जाता है।
दोस्तों गोदावरी नदी के किनारे पर स्थित यह प्राचीन त्र्यंबकेश्वर मंदिर काले पत्थरों से बना हुआ है जो इस प्राचीन मंदिर के स्थापत्य को और भी अधिक अद्भुत बना देता है।दोस्तों अलौकिक रूप से इस मंदिर के पंचकोशी में कालसर्प शांति , त्रिपिंडी विधि एवं नारायण नागबली पूजा अनुष्ठान संपन्न होती है जिन्हें श्रद्धालु गान अलग-अलग मन्नत पूरी होने के लिए संपन्न करवाते हैं।
दोस्तों यह प्राचीन त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग अपने समय काल के सबसे अद्भुत और अलौकिक मंदिरों में से एक है जो तीनों त्रिदेवों का प्रतिनिधित्व लिंग के रूप में करता है।
धन्यवाद दोस्तों
माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗
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English translate
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Hello friends, I am Mountain Leopard Mahendra, I warmly greet all of you friends, friends, on today's journey, I am taking you to Trimbak village located in Nashik district of Maharashtra, where we will see the wonderful small Shivlings of Tridev.
Trimbakeshwar Jyotirlinga
Village- Trimbak, District-Nashik
Maharashtra - India
Hello friends, today's visit is to Trimbak village located in Nashik district of Maharashtra, where the supernatural Trimbakeshwar Jyotirling is present. Friends, today we have seen that wonderful and supernatural form of God, friends, you will be surprised to know that in this very ancient temple Lord Brahma, Lord Vishnu and Lord Shiva i.e. Tridev are seated in the form of holy linga.
(The importance of this area is described in the Puranas)
Friends, according to the Puranas, it is believed that Lord Shiva was seated at this place only on the humble request of the revered Gautam Rishi and Godavari river and became famous as Trimbakeshwar. There are three small lingams present in the pit which are considered to be the symbols of Lord Brahma, Lord Vishnu and Lord Bholenath i.e. these three trinity.
( mythology )
Friends, according to mythology, it is believed that in ancient times, the Trimbak region used to be the tapobhumi of Gautam Rishi. Friends, it is believed that Gautam Rishi did severe penance for many ages to get rid of the sin of killing cows on him and prayed to Lord Shiva. He had asked for the boon of incarnating Mother Ganga in this area. Friends, as a result of which the Ganges of South India i.e. the holy Godavari river was originated.
( Ancient Architecture)
Friends, historical documents show that this ancient temple was rebuilt by the third Peshwa Bala ji i.e. Nana Saheb Peshwa. Friends, the restoration of this ancient temple started in the year 1755 and was completed in 1786 after a long reconstruction work of 31 years. Friends, the historical documents of the construction work of that time show that about 160000 rupees were spent in the reconstruction of this grand ancient temple. Which used to be a huge amount for that time.
Friends, you will be surprised to know that the grand building of Trimbakeshwar temple is an excellent example of Indus-Aryan architecture. Friends, after entering the sanctum sanctorum inside this ancient temple, you will only see only Argha of Shivling, not Shivling, because friends are very careful. On seeing, supernaturally three lingas of one inch each are seen inside the Argha. Friends, these three lingas are considered to be incarnations of Tridev i.e. Lord Brahma, Lord Vishnu and Lord Mahesh i.e. Shiva Shambhu. Friends, special worship to be done in the morning. After the ritual, a silver five-faced crown is offered to this Argha.
Friends, this ancient Trimbakeshwar temple situated on the banks of river Godavari is made of black stones which makes the architecture of this ancient temple even more amazing. Friends, supernaturally, Kalsarp Shanti, Tripindi Vidhi and Narayan Nagbali worship in Panchkoshi of this temple. Rituals take place which are performed by devotees singing songs to fulfill their various vows.
Friends, this ancient Trimbakeshwar Jyotirlinga is one of the most wonderful and supernatural temples of its time, which represents the three trinity in the form of a linga.
thanks guys
Mountain Leopard Mahendra 🧗🧗